đŻáĄá ွဲáြီးáူđŻ
áĄáျိá်áာáá áááá áá်းáျá် áဲáူးáိုá်áွှေáျá်áြို့ áá် áĄáွá်းá áြáာáုá်း áိုáဲ့ áွာáေးáá ်áွာ ။áá ်áွာ áုံး áှ áူáŚးáေ áá ်áာ áျော်áှိáဲ့ áွာáá်áေးáá ်áု။ áွာáေ áူáွေ ááော့ áá်áာ áဲ့ áံáါ áုá်áá် áုá်áိုá်áြ áá်။ áွာáá် áá်းááေါ် áှာáော့ áူáွေ áိုá်á ီáá် áိုá် áာ áေáာ áĄáီးáီးáို áွားáား áုá်áှား áေáြáဲ့ áĄáျိá်áှာ áá်းáိá်á áေ áူáá ်áောá် áေáီáိုáိုá
áွá် áိုá်း áာáá်áá်á áá်á ွá်းáွá် á á်းáá်áá််áှာ áှော်áá် áို áိုá်áြီးáော့ áá်းáá ်áá်းáုံး áĄáြá် áီáျá်း áĄော်áို áြီး áေáှာá်áာáဲ့ áူ áá ်áောá်…..
đľáုá်…áုá်… áုá်… đľ..áုá် áိုáာ…. áွေáိုáေါáá်… đľ.áွေáိုáာ…. áေáိုáုံးáá်… đľáá ်áြá်áုံးáှာ …áုá်ááျှ.. áá့်áá်đľ..
“”áိုးáေ… áĄáုá်ááြá်áာáြီး áား “”
“”áုá်á… áိုáá်áျော်áောá်းáေ…. áီáေ့ á ောá ောáိá်း áာáá်áျ””
“”áĄော် ….áါáဲ့.. áá်းáá်áဲá… áá်á ွá်းáွá်áွေ … áျားáှáျá်းáား””
“”áုá်ááျာ … áျုá်áိá်းáá … áá်á ွá်းáွá် áို áိá်áြိုá် ááျ””
“”áုá်áါáြီáျာ…. áုá်áါáြီ “”
“áွားáြီး…. áိုáá် áျော်áောá်းáေ””
áိုáျော်áောá် áá ်áောá် áူáိáá်áြီးáွá် áွား áဲ့ áိုးáေ áောá်áျောáို áြá့်áြီး áြုံးáေáိáော့ áá်။ áီáောá်áို áျုá်áá်áို áူáဲ áိုáာ áá်áျားáို့ áိáြáြီး áá်းáá်။ áုá်áါáá် áျုá် áာáá်á áိုးáေ. ။ áျုá်áှာ áĄိá်áောá်áှိáá် áျ။ áျုá်áĄိá်áူ áá်áား ááီးáျောáေး áာáá် á áှá်းáြáဲ့ áျ။ áျုá်áျá်áုံး áဲáှာ áော့ áောáီ áá္áာáေါ်áှာ áျုá်áိá်းáá áĄáှáုံး áျ áဲးáဲး ။ áါáဲ့ áျုá်áို့ áှာ áားááီး áုံးáောá် áှိáá် áျို ။ áိá်းá áေး áှá ်áောá် áောáျာ်းáေး áá ်áောá် áေါ့áျ။ ááီး áြီးá áါးáá်း áĄáá်áောá် áားááော့ áုံးáá်ᥠáá် áုံး ááီးááော့ áုáှ áုံးáှá ် ááီး áှိáေးááျ။ áျာ. áျုá် áĄáုá်áĄáိုá်áား áĄáုá်áĄáိုá် ááော့ áျုá်áိá áွေ áားáဲ့áဲ့ áá်áို áှá ်áီးá ား áုá်áá်áျ ။ áျá်áဲ့ áĄáျိá် ááာáĄáုá် áĄáုá် áုá်ááျ။
ááုá်áို့áá်း áááူးáေးáျာ áားááီးáွေ áှိáာ áြီáိုáော့ áááျှ áĄáုá် áĄáုá်áုá်ááာáေါ့။ áျုá်áို့áá် ááား áှá ်áောá်áဲ áို áိá ္á ááှိáူးáေ. áားááီးáွေ áှေ့áေး á áှိáေးáော့ áုá်ááá်áျို။
áိုáိုးáေ áá ်áောá် áိုáျော်áောá် áိုáူá် áá် áြီး áွá်áာáာ áĄိá်áှေ့áောá်áော့….
“”áိá်းááေ.!!…..áိá်á..!!..áĄေá ့်””
“”áာ… áီáိá်းá ….áá်áွား.. áေáဲááိáူး…áေးး””
“”áေ့….””
“”ááီး…. áá်းáĄáေ… áá်áွားáဲ.. áĄေá ့်..””
“”áĄáေ… áေါ်á်းáှူးáို့áဲ့….. áá. áှဲáေáá် “”
“”áုá်áား… ááီး “”
“”áုá်áá်.. áĄáေ””
“”áĄေးáĄေး.. ááီး …. áော့.. áီ áá်á ွá်းáွá် áွေáို.. áá်áြီး áေáေး áားáိုá်áော် “”
“”áုá်áဲ့… áĄáေ””
“”áĄáေ…ááီး áĄáေ..áá်áို áေáေးáဲ… áေးáိုá်áĄုံးáá် “”
áိုáိုးáေ áá ်áောá် ááီးáĄáြီး áို áá်á ွá်းáွá် áွေáေးáြီး áူ ááီး áှိáာ áĄိá်áေါ် áá်áာáဲ့áá် ။áĄိá်áေါ် áောá်áော့ á ောá်áြုံáီး áွေးáေáဲ့ áိá်á áြá ်áူ áို áြá်á áော့ ááြေးáုံááá် áွားáြီး..
“”áိá်á…. áိá်á “”
“”áá်း…áောá်ျား.. áြá်áာáြီáား “”
“”áုáှ.. áြá်áောá်áာ.. áိá်á áေááောá်းáို့áို.. ááီးá áြောáá် “”
“”áာáှááြá ်áါáူး… áောáျာ်း áá်… áေါá်းáá်းáá်းáူး áေáာáါ.. áá်áာáါáြီ “”
“”ááုá်áေးáါáူး.. áိá်á áာ…. á áောáျာ်း áá်áျော် áá်းáá်း áွဲáေးáá်.. á.áါ””
“”ááါáá် áောáျာ်းáá်….. áောáျာ်းáá် ….áá ်áေáုá်… áĄáုá်áုá်áေááြီ…..áိá်းááို ….áါáြုá ုáေး..
ááá့်áို ….. ááုá်áေးáူး “”
“”á áားááျားáဲ့ áော့…. áိá်းá….. ááုá””
áိá်းá áြá ်áူ áို áှိá်áေးáြီးáော့ áá ား áĄáွá် áိုáိုးáေáá ်áောá် áြá်áá် áျá်áြုá် ááေးááျ။
áိá်းáá áေááောá်း áေáာ áိုáော့ áူáĄáုá် áိုá်ᥠáုá် áွဲးáေáို့áááူးáေး။ ááá်း áá်း áျá်áော့ ááေး áွေ áို ááá်း áျွေး áြီး áှ áေáျိုး áá ာá ားáြီး áိá်းá áို
áေး áိုá် ááေးááျ။ áĄáုá် áွေ áĄားáုံး
áြီးáို့ áားáá့် áို့á ိá်áူးááေးáá်…..
“”áေ့……. áေáေ””
“”áာ….. ááီး áဲ့ áား…. ááĄိá်áြáေးáူးáား “”
“”áေáေ….á áေ့áေáာáား….. áေáေ… áိုáေáြáီ áျá်.áဲ့ … áျော့áိá်.áှ . ááီး áဲ့ áောá်áေး á áĄိá်áာ áေး””
“”áုá်áါáြီáျာ…áဲáဲ áာáြ””
ááီးáဲ့ áား áို áá်áောá်း áá ်áá်á ီ áေါá်းáĄုံ á ေáြီ áိုáိုးáေ áá ်áောá် áူ áိုáေáြ áá်္áာáွá်းáá် áဲ့ áိáားá ုáá်áá်áော့áွဲ áီáျá်း áဲ့. áျော့áိá် áေáော့áá်….
đľáူáာ….. áြောá်áဲ့.. áĄáွá်ááá်းááေ…đľ đľ..áောááံáို… áá်áိုá်áွေ့áြုံáဲ့áါáေ…………………
……#.#….#..áြá့်áိုá် áောá်áŚး….. áျေးáူးáုá်áွေ ……đľáá်áို့…. ááုá်áေ……
áီáျá်း áားáောá်áá် áĄိá်áျော်áွားáဲ့ ááီးáဲ့ áားáို áá်áောá်း áေါ်á áĄáာáá်áြီ áိုáိုးáေáá ်
áောá် áĄိá်áာáá် áဲ့áá်။ ááá် áĄိá်áာ áĄá ောáြီး á ááီး áြá ်áူ á áေááောá်း áော့ áားááီးáွေáĄáွá် áံáá်á ာ áဲ့. áူ áĄáုá်áွားáá် áူáို့ ááá်းáျိုá့် áĄáွá် áါ áျá်áြုá် áြá်áá်áြီး ááá်းáျိုá့်áို áá်á áွဲáြီး áĄáုá် áှိáာ áွá်áာáဲ့áော့áá်။
ááေáá် áĄáုá်áိá်းáြီ áြá်áာáော့ áိုáိုးáေ áá ်áောá် áုံá ံ áĄáိုá်းáေါ့ áေáီáို á áီáျá်းáဲ့áĄáြိုá် áĄော်áြီးáá ်áျá် áိုáြီးáော့ áĄိá်áို áြá်áားáာáေá áျ။ áĄိá်áှေ့áĄáောá် ….
“”áိုáိုးáေ… !!!!!””
“”áာáုá်းá….. áိá်áá áá်áာáြီáား “”
“”áာáုá်း áိုáာ áောá်áှ….. áျုá်áို áေáီáို áေး…. áá်áာáြီး “”
“”áာ….áေáါáĄုံးá….. áီ áီáျá်း áြီးáá် áေးáá်…. áိá်းá “”
“”áááူး… áုáေး…. áျုá်áြိုá် áဲ့ áီáျá်း áာáော့áá် áော့်áေ””
“”ááေးáူးáွာ….. áီáီáျá်းáေး… áြီးáှ áေးáá် “”
“” áိုáိုးáေ…. !!!!!!””
“”áြိုá်ááောá်…. áĄော် ááေးáူး “”
“”ááေးáျá်áĄုံးáော်……””
“”áှီး းး း း း း း း း!!!!””
“”áေါá်း း း း း!!””
“”áĄားးး! !””
“”áိá်းá…. áá်းáော်….. áော့áွာ… áာáောá် “”
“”áá….áေáေ ááူးáှာ…… áုáွá်áေáá်….. áားáား “”
“”áုá်áá် áော်…. áောá်áေး… áီးáီး “”
“”ááá်áဲ့….. ááĄေáျား…… áြောá်á áာáှá်áေáား “”
“”áိုáိုးáေ áော်…. ááေးáွေáို…. áာáှ áဲးá áာááိုáူး””
áိá်á áြá ်áူ ááှá်းáြ áို áျá ်áော့ áာáှ ááြောáဲ áĄိá်áောá်áေးáှာ áေáျိုး áို့ áĄáွá် áိုáိုးáေ. áွá်áား
áေáဲ့áျ။ ááှá်áြááော့ áြá်áာáĄáံ áေáီáို ááာáဲ့ áူáĄáြိုá် áေးáံáှá် áာáာáĄေး áိုáားáဲ့ áောá်áျá ်áြှား á ူး áီáျá်း áဲ့ áĄáြိုá် áĄားááါးá áိုáေááျ။ áĄိá်áောá်áေး áွá်áွားáဲ့ áိုáိုးáေ ááော့..
“”…áီáိá်းá…. áါáဲ့ ááာáဲ ááေး… áုံးáောá် ááေáြီး…. áုáိ… áူ့áá်áျá ်áောá်áို.. ááေ့áေးáူး áá်áá်… áိုáောá် áဲ့ ááြá့်…. áီáĄáျိá်… áောá်á ား áေááှာ… áြá်áောá်áေး.. áá်းáá်း””
áĄဲáို áá်áိုáိုáá်း áြီး áေáျိုး áဲ့áေáာ áို áွá်áွားáော áျ။
áိုáိုးáေ áို့. áိá်áျá ်áြáာáျ áဲးáဲး áေáီáို áုáဲ့ áĄáျိá် á áွဲ áို့ áေါ့áျာ ။ áု ááှာáေါ့ áĄဲáျိá်á áီáွီ áို áာ áĄáာáား áေáီáိáá်áá်áောá်áူáိုá်းá áိုá်áိုá်váူး áျို ။ áိုáိုးáေ áို့ áေáဲ့ áွာá. áော်
áော် áေါá်ááျ áြို့ áဲ့ á áေး áိုးáာáီ áို áေáြီး áေáျှံ áို့ áá ်áေáာáဲ့ áá ်áေáာ áို áှေáဲ့ áွားááá် ။
áĄဲ့áီáို áျော်áွá်á áာáောá်းáဲ့ áိáားá ု áေး áá ်áေ့áှာ áော့…..
“”áျို… !!!.áĄáီးáေး… áှá်းáြ! !!””
“”áောáြီးáá်áြီး.áဲ့ … áာáြ á ့်áာáာáဲ… áိုးáာáĄောá် “”
“” áို….áို… “”
“”áီááေးáော့….. áာáြá ်áေáာáဲ… ááိုáိုáဲ့…. “”
“”áွာ…áွာáိá်á…. áျောá်းá á်áှာ…. áŚးáိုးáေ … áĄáူး áွá်áြီး… áေáဲ áြုá်áျ áို့….. áျ””
“”áိုးáာáĄောá်….. áá်းáြောáာ.. áေáျာáား “”
“”áေáျာ…. áါáá်… áĄáီးáေး áှá်းáြáာ “”
“”ááုá်áို့ááော့…. áေáá်áှá်…. áေáာáြီး….ááá်း áုáိ……áြá်ááာáေးáူး “”
“”áျုá်á… áြောáá်áော် ….. áĄáီးáေး…. ááုံáာáော့ ááá်áိုá်áူး… áြá်áá် áျာ “”
“”áြွ…áြွ…. áိုá်áော်… ááá့်áဲ…. áာáွေ áာáြောáှá်း….. ááိáူး “”
ááေ áေáောá်áျောá်áို့ ááေးáွေ ááá်းáျွေးáြီးáဲ့áĄáျိá် áိ áိုáိုးáေáá ်áောá် áြá်ááာ
áေးáော့ ááှá်းáြ áá ်áောá် á ိá်áူáေáျေáြီးáေါ့။ áောá်ျား áြá ်áူ áြá်áာ áေáြ áá်းáá်áို áျှော် áြá့် áြီး áောá်ျား áြá ်áူ áĄáွá် á ိá်áူáေ ááျ။ áီáျá်း áိုáံ áြာáိုá်း áူ áောá်ျား áျားáြá ်áေááာ áိုáဲ့ á ိá်áဲ့ áĄိá််áှေ့áို áááá áြေးáွá် áြá့်ááာ áĄáော ။
“”áေ့ …… áĄáေá… áြá်ááာ áေးáူးáား.””
“”áာáော့… áှာáါ… ááီး áá်..””
“”áĄáေááဲ… áြာáာ ….áျာ””
“”áဲ…ááီး…. áောá်áေး áိုáေါ…. áĄိá်áဲáှာ…. áွားáေ””
“”áုá်áဲ့: ..””
“”áေáĄုံး ááီး…..
áော့ …..áီááေး áို áá áိá်းáားáော် ááီး…. áĄိá်áဲáှာáဲ áေ….áĄáေ áွာáိá်.. áááွား áĄုံးáá် “”
ááှá်းáြáá ်áောá် áောá်ျား áĄáွá်á ိá်áြူ áီး áွာáိá်á áေ á ောá့်áá် áိုáဲ့ á ိá်áူး áဲ့. áĄိá်áိုá်းáá့် á áွá်áို့ áá်áြá် áေáိုá်…
“”áှá်းáြ….. áေáှá်းáြ!!!!!””
“”áá်း!!!!..áွာáူáြီးáို့áါáား ….áာáိá ္á áျားáှိáို့áဲ””
“”áှá်းáြ…. á ိá်áော့ …áိုá်áိုá်áားáော်…””
“”áွာáူáြီးáá်…… áြá်áြá်áြော áါ….. áာáြá ်áို့áဲ áော့်””
“”áá်း áောá်ျား…. áိုးáေ…. áွာáိá်á…. áျောá်းá á်áှာ…. áေါá်áေáဲ့ áá်á ွá်းáွá်… áှá်း áĄáူး…. áĄáá်ááá်း áူးáေáာ…. áိုáော့…. áá်áျá် áျá်áြီး… áေáဲáြုá်áျ áွားáá်””
“”áှá့်! !!!..áá်áို့ááား…. áွာáူáြီး…. áြá်áြá်áြောáါ…áော့ . áျုá် á ိá်áူáို့áါ””
“”áိုးáေ….. áြုá်áျ áာáို…. áá်áှá်းáှá်းá…. áံáါáá်… áွေ á… áြá်áို့… áိုá်áá် áါáေးáá်
..áါáေáဲ့ áေá ီးáá်… áေáော့… áူáို့ áဲ … áá်áေးáေး… áောá်áှ .. áှီáá် “”
“”áါáို.. áျုá်áေáျာ်း… áာáှááြá ်áေါ့…. áုá်áား áွာáူáြီး “”
“”á ိá်ááောá်း áါáူးáွá်…. áိုးáေ áို… áá်áို့ ááေáဲ့… áĄáá်áော့ áါááား áော့ áူး.. áှá်းáြ áá်””
“”ááြá ်áိုá်áူး… ááြá ်áိုá်áူး! !!.áွာáူáြီး… áူáှားáာ áေáှာáါ… áိုáိုးáေ ááုá်áူး… ááုá်áား “”
“”áှá်းáြ…. á ိá်áိá်း áေး… áောá်áှာ… áိုးáေ áĄáောá်းáို….áá်áာáြáြီးáွဲ့””
“”áေáေ….áေáေáာáြá ်áို့áဲ… áá်””
“”ááီးáို့ áĄáေ….. áေáြီး áဲ့… ááီး áဲ့….. áĄီးáီးးး!!!!””
“”áĄáေáေáြီး…….. áĄီးáီးးးး!!!””
áားáĄáိááွေ áိုáေáြáုá်း áှာáဲ áိုáိုးáေ áĄáောá်း áို á ောá်áုáá် áဲ့. áာáာáား áွေ áá်
áာáြáá် ။ áĄáောá်းáို áĄောá်áျáါáှိáေး…..
“”áိုáိုးáေ… áောá်ျား… ááါáော့… áှá့်áို áူáွေ á áေáြီး áဲ့ .. áောáျာ်း…. áĄီးáီး း း း း း း!!””
“”áေáေ…. ááေáျာ… áြေáြီးáေါ်.. áာáို့ áĄိá်áေáာáဲ áျ…áá.. áĄáေá ို áိုးáေáျာ “”
“”áĄáေ….áĄáေ… ááီး áေါ် áေáá် áေ… áĄáေ.. áĄီးáီး း း း း း း း””
“”áိုáိုးáေ… áော့်á áျုá်áို…. ááေးáွေ áဲ့. áားáဲ့ áြီးáား… áĄá ့်..áĄá ့်””
“”áာ!!!!áှá်းáြ… áá်áွားáြီး… áုá်áြáါá…. áြေá áျိုး…. ááြááျိုး “”
á ိá်ááောá်း á áာ áြá်áွá်းáေါ့ ။ áĄáá်áုံးááီး áေးá áĄáá်áဲ့ áေáဲ့ áĄáေ áြá ်áူ áေါ်áို áĄáá် áá်áေáေးáá်áျာ ။ áောá်ááေ့ áြáော့ áျောá်းáá ် áá်á ááျိုá်း áှာ áိုáိုးáေáĄáောá်း áို áြေáျ áြီး áောá်áá ်áေ့á áá်áောá်áုá် ááြá့်áေ áိုáော့ áြေáျ áဲ့ áေáှာáဲ áွá်းáွá် ááာáာ áုá်áိုá်áြáá် ။
áĄဲáီáို áဲ့. áိုáိုးáေ áုံးáါ áြီး áá ်áá် áĄáြာ ááေá ောá်း áá ်áု áှာ ááှá်းáြ á áĄိá်áဲáှာ á§á့်áá် áဲ့
á áား áြောáေáဲ့ áĄáျိá် ááေး áုံးáောá် á áĄိá်áှေ့ áှာ áော့ áေáြáုá်…
“”áေáေ…. áေáေ “”
“”áီááေး…. áá်áွားááို့áဲ “”
“”áေáေ… áေáေ “”
“”áĄွá်. !!!””
“”áီááေး… áီááေး…. áေáေáေ…. áာáါáĄုံး.. áီááေး áေါ်áို့ áááော့áူး “”
“”áါ့ááီးáေး…. áာáြá ်áာáဲ… ááီး… ááီး… áိုáျော်áွá့် áို့… áာáြáါáĄုံး…..ááီး…ááီး “”
ááေးá áĄáိုáĄááွေ áဲ့ áော့ áေáá် ááĄေး áြá ်áူ áို áြá်áို့ áá်áá် áĄိá်áှေ့áို áြေးáĄáွား áá်းáှာ áá ်áှဲ áာáျ။ áá်áို áှ áေါ် áááော့ áá်áá်းáျá်á áူáွေ áို áĄáူáီáောá် ááော့ áါáေါ့áျာ ။
áá်áိáားáá် áဲ့ áူá ááိá်áေ áဲ့. áá်áေး ááေး áါá á်áá့်áို áá်းáá်း áá့်áေး áိုá်áော့ áှ ááေးá áြá် ááိáá áာáá် áျို။ ááá် áĄိá်áော့ áá်း áĄáá်áောá် á ááĄေးáြá ်áူ áို áြá်áြီး
áá့်áိုáေáေးáá်။
áောá်ááေ့ ááá် áောá်áော့ áွာáဲá áူáွေ áĄáြံáေး áျá်áဲ့. áွာáŚး áျောá်း ááာáော် á ီáို áောá်ျားáြá ်áူ áိုáိုးáေ áĄáွá် áုáိááĄáြိá် áွá်းáွá် ááာáာ áြုáုá်áá့် áိုáဲ့ áĄáြောá်း
áျှောá်áးáြီး áĄáြá်áှာ áိုáိုးáေ. áေáှá ် áေáုံး áဲ့áဲ့ áွာáိá်á áျောá်းá á် áှိáာáို áွá်áာáေáဲ့áျာ။
“”áိုáိုးáေ…. áောáျာ်း …. áှá့် áီáားáှာ… áှိáá်áိုáာ… áျုá်áိáá် …. ááá်áြá်… áှá့်áĄáွá်… áုáိုá်.. áောá်းáှု áွေ… áြုáုá်áေးáှာ…. ááာáာ áာáဲ့áော်….. áĄီးáိး…. ááေးáွေ áĄáွá်…. á ိá်áျ áါ
áောá်ျား áá်….. áိá်းááိုáá်း ….á ိá်ááူáါáဲ့….. áĄီးáီး….. áိá်းá…. áြá်áော့áá် áော် “”
ááá်áောá်áော့ áံáာáော်áĄáှá်áူáြá် áွေ áို áေ့áွá်း áá် áြီး áောá်áုံး áေá á်áျ ááာáာ
áော့ ááာáော် á….
“”áွá်áဲ့áော…. áá်áĄáá်းáá် á… áááá ်áါးáို… áြောá်áွှေ.. áွá်áွá်… áွားáှားáြီး….áြá ်áော …. ááာáိုးáေ …. ááာáြီး áာ….áွá်áွá် áွားáြီး….. áြá ်áဲ့áĄáွá် …. ááာ áိáားá ုáဲ့ áĄáူ áေáို့….. áááော့áူး….. ááာ၊….. ááာáိုးáေ…… áားá ွဲ… ááား á ွဲ….. áá ္á á်းáĽá ္á ာ á ွဲ…. áá်áĄá ွဲ áှ… ááောá်းáူး
ááာ ….. áါáြောá့်…. áုá်းáြီး áို့…… áĄáျှáေးáေး áဲ့ áĄáါ áှာ….. ááာáိုးáေ á…. áá်းáြောá်á ွာ áာáု
áေါ် áေးáါ…. áဲáĄားáုံး..””
“”áိုáိုးáေ áှá့်ááွ…. áĄားáုံး… áĄáျှ….. áĄáျှ…. áĄáျှ””
“”áိုáိုးáေáှá့်ááွ……. áĄားáုံး…. áĄáျှ…..áĄáျှ…….. áĄáျှ “”
“”áိုáိုးáေáှá့်ááွ……. áĄားáုံး…… áĄáျှ……. áĄáျှ…… áĄáျှ “”
“”áောáျာ်း áိုáိုးáေ……. áĄáျှ…… áĄáျှ…. áĄáျှ ….. áူáော်áှူáြáါ…. áုá်áော “””
áိုáိုးáေáá ်áောá် áျွá် áွá် áွားá áား áိုáာ ááော့ áာááံáှá် áိုáိုးáေ áဲ áိáိá်áá် áျာ။
đŤđŤđŤđŤđŤđŤđŤđŤđŤđŤđŤđŤđŤđŤđŤđŤ
áĄáှားáါáဲ့áá် áá်း áá်းáံ áá်áေးáြáါáို့ áေá္áာ áá်áံáါáá ေ။
áိုးáေ
(ááုá်áူ)